Mars Planet - Mars Mission सिर्फ तीन महीने में

Mars Planet – Mars Mission सिर्फ तीन महीने में

Mars Planet – Mars Mission सिर्फ तीन महीने में

Nuclear Power से चलने वाले Rockets केवल तीन महीनों में लोगों को मंगल ग्रह पर ले जा सकते हैं। Mars Planet – Mars Mission सिर्फ तीन महीने में Earth to Mars.

CNN News के एक समाचार के अनुसार Nuclear Power से चलने वाला Rocket सिर्फ तीन महीने में मंगल ग्रह पर एक अच्छा दल को मिशन पर ले जा सकते है। लेकिन तकनीक को अभी भी एक परीक्षण करने की जरूरत है।

CNN की रिपोर्ट के अनुसार Nuclear Power से चलने वाला Rocket केवल तीन महीने के भीतर में मंगल ग्रह पर एक चालक और अच्छे दल को मिशन के लिए भेज सकता है। NASA की Plan है कि साल 2035 तक में इंसानों को मंगल ग्रह पर ले जाने की है, लेकिन इस यात्रा में कई सारी चुनौतियां का सामना करना पड़ा सकता हैं। मंगल ग्रह तक पहुंचने में सबसे लंबा समय लग सकता है। लंबी यात्रा का मतलब से ऐसा मालुम पडता है कि Space Radiation के संपर्क में बहुत वृद्धि भी हो सकता है। जो अंतरिक्ष यात्रियों मिशन पर हैं उनके स्वास्थ्य को बहुत ही गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

Seattle कंपनी Ultra Safe Nuclear Technologies एक अंतरिक्ष यान का Design ले कर आई है जो अंतरिक्ष यात्रा को छोटा करने के लिए Nuclear Power का इस्तेमाल कर Rocket का उपयोग कर सकती हैं। वर्तमान में अभी NASA का मंगल ग्रह की One Way यात्रा का लक्ष्य है, कम से कम पांच से नौ महीने का समय लग सकता है।

लेकिन Nuclear Thermal Propulsion इंजन पर स्विच करने से बहुत जोखिम भरा काम हो सकता हैं, लेकिन Ultra Safe Nuclear Technologies Company इसे अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित बनाने का दावा करती है।

The Director of Ultra Safe Nuclear Technologies (USNT)   Company के मालिक Michael Eades का कहना है कि रॉकेट के इंजन और यात्रियों के क्षेत्र के बीच में Liquid Propellants को स्टोर किया गया है। जो कि यात्रियों के सुरक्षित रहने के लिए बनाया गया है। और Radioactive कणों को रोकने के लिए Design किया गया है। ताकि उड़ान के दौरान exposed ना हो  सके यात्रियों के बीच में।

NASA के Space Technology के मिशन के Director Jeff Sheehy ने CNN को बताया कि NTP रॉकेट प्रति गैलन दोगुना मील हो सकता है। जिसका मतलब है कि दो साल से भी कम समय में एक गोल की यात्रा करना संभव हो सकता है।

लेकिन चुनौतियां अभी भी बाकी हैं। समाचार के अनुसार, यह यूरेनियम ईंधन की खोज में है जो Nuclear Thermal इंजन के अंदर सबसे ज्यादा Temperature का सामना कर सके। लेकिन कंपनी का दावा है कि उसने एक ईंधन बना करके समस्या का समाधान कर लिया है। जो 2,400 ° Celsius से ज्यादा तापमान में काम करने में समर्थ हो सके। ईंधन में Silicon Carbide  सामग्री शामिल होता है जिसको अक्सर टैंक में कवच के रूप इस्तेमाल किया जाता है। यह गैस अवरोध बनाकर Radioactive Product को रिएक्टर से बाहर निकलने से रोकने में लायक होता है।

NCC के द्वारा रिपोर्ट में कहा गया है कि Nuclear Rocket पृथ्वी जैसे Thermal Engine संचालित रॉकेटों से उपर नहीं उठेंगे। उन्हें Regular Rocket के द्वारा ही अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। जो इसे पृथ्वी की Orbit में ले जाएगा और उसके बाद Space में Nuclear Power से चलने वाला अंतरिक्ष यान उड़ान भरेगा पाएगा। अगर यदि कुछ गलत हो जाता है और रॉकेट फट जाता है, तो USNC Tech ने कहा है कि Nuclear Reactor के टुकड़े पृथ्वी या दुसरे ग्रह पर नहीं Land होगें क्योंकि वो vacuum जगह में काम नहीं कर सकता हैं।

USNC Tech के मुताबिक़ गहरे Space Exploration के लिए एक नया रास्ता खोल सकता है। जब तक कि Technology को सही तरीके से ठीक या परीक्षण नहीं किया जाता है। तब तक अंतरिक्ष यात्रियों को Nuclear Thermal इंजन द्वारा चलने वाला रॉकेटों मंगल ग्रह पर जाने में कुछ समय लग सकता है। इसमें थोड़ा Time लगेगा।

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